शनिवार, 7 जून 2008

रामू और चेतन भगत का सुंदर उपहार ....

कल राम गोपाल वर्मा की रिलीज हुई फ़िल्म "सरकार राज" और इसके कुछ दिन पहले आया चेतन भगत का उपन्यास "थ्री मिस्टेक्स ऑफ़ माय लाइफ" इन गर्मियों का बेहतरीन तोहफा सिद्ध हुआ है।
जहाँ "सरकार राज" की कहानी महाराष्ट्र मे एक बहुराष्ट्रीय बिजली उत्पादन कम्पनी 'एनरान' के आने और उसी दशक मे वहाँ उभरे और उफान पर पहुंचे एक राजनैतिक परिवार की कहानी है। इसमे यह भी दिखाया गया गया है कि नेताओं का एक मात्र उद्देश्य पैसा कमाना होता है और इसके लिए वे अपने बड़े से बड़े दुश्मन से हाथ मिलाने मे भी नही चूकते हैं। पिछली फ़िल्म "आग" से रामू कि भद्द पिटी थी उसकी भरपाई यह फ़िल्म करेगी। ऐसी आशा है।
वहीं दूसरी ओर चेतन भगत का आया नया उपन्यास "थ्री मिस्टेक्स ऑफ़ माय लाइफ" ने भी इन गर्मियों मे काफी राहत दी है। युवाओं मे इस पुस्तक का काफी क्रेज देखा जा रहा है। इसमे भारतीय युवाओं के रिस्क उठाने कि प्रकृति के विषय मे बताया गया है।इसमे तीन दोस्तों की कहानी है। जो अहमदाबाद मे क्रिकेट का सामान बेचने की दुकान खोलते हैं। यह सच्ची घटनाओं पर आधारित है ऐसा बताया जा रहा है।
फिलहाल जो भी हो इन दोनों ने सही समय पर सुंदर तोहफा दिया है। और लोग इसका आनंद उठा रहे हैं।

3 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

janb aap shayad exam ke vajah se kuch nahin like hai kabhi hame bhi padh liya kaerin aapke kaam ka kafi kuch rakkha hai

आदित्य प्रताप वन्देमातरम ने कहा…

आप के ब्लॉग का शीर्शक "गुरु - घंटाल" हमें बहुत पसन्द आया।
आप काफी अच्छा लिखते हैं।

आशीष कुमार 'अंशु' ने कहा…

prstuti pasand aai.