बुधवार, 28 मई 2008

आख़िर दंत-कथा सत्य सिद्ध हुई.




आज नेपाल लोकतांत्रिक राष्ट्र बन गया है। २४० वर्ष पुरानी राजशाही और हिन्दू राष्ट्र की छवि जो नेपाल ने बनाईं थी वह कल टूट गई। अब यहाँ भी राष्ट्रपति प्रतीकात्मक रूप से राष्ट्र का प्रमुख होगा किंतु वास्तविक सत्ता प्रधानमंत्री के हाथ मे ही रहेगी।

नेपाल की राजशाही के विषय मे एक किवदंती प्रचलित थी कि १८वी शाताव्दी मे नेपाल को एकजुट करने वाले गोरख नरेश पृथ्वी नारायण शाह को भगवान गोरखनाथ ने आशीर्वाद दिया था कि उनकी ११वी पीढ़ी तक नेपाल पर उनका शासन रहेगा। वह आशीर्वाद आज सच हो गया।

नई सत्ता ने नरेश को कुछ दिनों कि मोहलत देते हुए नारायनाहिती महल को छोड़ने का फरमान सुनाया है। १७६५-६८ से शुरू हुआ राज वंश का शासन कल समाप्त हो गया। इस राजपरिवार के सम्बन्ध भारत के साथ बहुत अच्छे रहे हैं। इस राजपरिवार के लगभग सभी सदस्यों (पुत्र एवं पुत्रिओं) के विवाह भारत मे ही हुए हैं। वर्तमान राजा ज्ञानेन्द्र के पुत्र परस कि पत्नी हिमानी राजस्थान के सीकर राजपरिवार की हैं।

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